क्या तुम्हारे पास
कोइ कागज़ है
जिसपर मैं ऐसा चाँद बना सकूं
जो डूबते हुए सूरज से चिपककर
ज़मीन को
उल्टा करके देखने पर
उगते हुए सूरज की भान्ति लगे
और जिसे मैं मोड़कर
तुम्हारी ही जेब में रख दू
और फिर रात को तुम
उसकी सिलवटों पर इस्तरी कर के
उसे अपने बरामदे में रख सको
ताकि तुम्हारे कपड़े सूख जाए?
कोइ कागज़ है
जिसपर मैं ऐसा चाँद बना सकूं
जो डूबते हुए सूरज से चिपककर
ज़मीन को
उल्टा करके देखने पर
उगते हुए सूरज की भान्ति लगे
और जिसे मैं मोड़कर
तुम्हारी ही जेब में रख दू
और फिर रात को तुम
उसकी सिलवटों पर इस्तरी कर के
उसे अपने बरामदे में रख सको
ताकि तुम्हारे कपड़े सूख जाए?
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